Share Market Fundamental Analysis in Hindi :- आज के इस लेख हम जानेंगे Share Market Fundamental Analysis in Hindi, और कैसे शेयर का फंडामेंटल एनालिसिस करे ओर इस जुड़ी सभी सवाल के बारे में विस्तार। अगर हमें किसी भी शेयर में लंबे समय के लिए निवेश करना है और Multibagger Return कामना है तो हमें सबसे पहले फंडामेंटल एनालिसिस सीखना पड़ेगा उसके साथ ही टेक्निकल एनालिसिस की समझ होना जरूरी है, तभी हम शेयर मार्केट से अच्छा खासा इनकम कर सकते हैं।(Share Market Se Kitna Kamaya Ja Sakta Hai)
आज के इस लेख में हम फंडामेंटल एनालिसिस से जुड़ी हुई सभी प्रकार के प्रश्नों के उत्तर देने की कोशिश करेंगे और कैसे आप फंडामेंटल एनालिसिस को सीख कर पैसे कमाए के बारे में अच्छे से जानेंगे और सीखेंगे।
Share Market Fundamental Analysis in Hindi
बहुत से लोग कहते हैं की मार्केट में निवेश करने के लिए सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस की ही जरूरत पड़ता है लेकिन यह गलत है अगर आपको किसी कंपनी में लंबे समय के लिए निवेश करना है तब आपको कंपनी के Fundamental Analysis करना आना जरूरी है।
किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले हमें उस कंपनी की Fundamental Analysis की जानकारी होना जरूरी है, जेसे कंपनी कौन से सेक्टर में काम करता है, कंपनी के प्रमोटर्स कौन है, कंपनी प्रॉफिट करता है या नहीं आदि के बारे जानना होगा। एनालिसिस करने के बाद अगर हम कंपनी में निवेश करते हैं तो हमें नुकसान होने का संभावना है बहुत कम हो जाता है क्योंकि हमें जानते हैं कि हम कौन से कंपनी में निवेश करते हैं इन कंपनी किस सेक्टर में काम करता है कंपनी का बिजनेस कैसा चल रहा है आदि के बारे में।
किसी भी कंपनी के शेयर प्राइस Under Value या Over Value है टेक्निकल एनालिसिस के मदद से पता लगाना मुश्किल है इसके लिए आपको फंडामेंटल एनालिसिस ही करना पड़ेगा तभी आप कंपनी का सही वैल्यूएशन निकाल सकते हैं।
Fundamental Analysis क्या है
Fundamental Analysis मदद से हम किसी भी कंपनी का बिजनेस समझ सकते हैं और बिजनेस कैसा चल रहा है इसके बारे में जानकारी ले सकते हैं जैसे कंपनी का Seles कैसा कर रहा है, प्रॉफिट कैसा हो रहा है, कंपनी के Balance Sheet, फ्यूचर प्लान, कंपनी का Promoter Holding, शेयर प्राइस सस्ता है या महंगा, कंपनी अपने Peers से कैसा परफॉर्म कर रहा है, बिजनेस मॉडल कैसा है कंपनी का, आदि के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
Fundamental Analysis करना क्यों जरूरी है
आज के इस समय में सभी लोग शेयर मार्केट से पैसा को कमाना चाहते हैं लेकिन वह सीखना नहीं चाहते, जिस कारण उनका नुकसान करना पड़ता है। अगर हमे किसी कम्पनी लंबे समय के लिए निवेश करना है तो हमें इस कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करना जरूरी है। क्योंकि फंडामेंटल एनालिसिस सिस्टम पता कर सकते हैं कि कंपनी फ्यूचर में कैसा परफॉर्म करेगी, अगर कंपनी फ्यूचर में अच्छा परफॉर्म करता है तो हमें अच्छा खासा रिटर्न मिल सकता है। क्यों हमें फंडामेंटल एनालिसिस करने के बाद किसी की स्थापना निवेश करना चाहिए जानते हैं–
- कंपनी में सही समय में निवेश कर सकते हैं और अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं।
- फंडामेंटल एनालिसिस की मदद से हम मल्टीबैगर स्टॉक चुन सकते हैं।
- इसकी मदद से हम कंपनी की बिजनेस को समझ सकते है।
- कंपनी का सही वैल्यूएशन निकाल सकते हैं और उसे समय है निवेश करके ज्यादा रिटर्न कमा सकते हैं।
- एनालिसिस करने के बाद अगर हम निवेश करते हैं तो हमें नुकसान होने का संभावना है कम होता है।
- फंडामेंटल एनालिसिस की मदद से आप सेक्टर के टॉप परफॉर्मिंग स्टाफ को चुन सकते हैं ज्यादा रिटर्न कमा सकते हैं।
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Fundamental Analysis कैसे करे
Fundamental Analysis करने के लिए सबसे पहले हमें कंपनी का फाइनेंशियल सेगमेंट को अच्छे से पढ़ना होगा कंपनी किस इंडस्ट्री या सेक्टर में काम करता है उसके बारे में जानकारी लेना पड़ेगा। Fundamental Analysis करने के लिए दो पॉपुलर मेथड है–
1. Top-to-Down Approach:– Sector Analysis –> Stock Analysis
2. Down to Top Approach:– Stock Analysis –> Sector Analysis
आपको इन तो दोनों तरीकों में से जो भी अच्छा लगे आप उसका Use कर सकते हैं Stock एनालिसिस करने के लिए। लेकिन ज्यादातर स्मार्ट इन्वेस्टर Top to Down Approach का ही Use करते हैं। जिसमें हम लोग सबसे पहले फ्यूचर में कौन सा Sector ग्रोथ हो सकता है उसे Sector को ढूंढते हैं उसके बाद उसे Sector के टॉप परफॉर्मिंग Stock को चुनते हैं।
फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए कुछ आसान Steps है इसका फॉलो करते हम आसानी से फंडामेंटल एनालिसिस कर सकते हैं तो चलिए जानते हैं कैसे फंडामेंटल एनालिसिस करते हैं–
1. Sector Analysis करे
आप किसी कंपनी में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं सबसे पहले कंपनी कौन से सेक्टर में काम करता है सेक्टर का फ्यूचर कैसा है इसके बारे में जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है। आपको ऐसे सेक्टर में निवेश करना है जिस सेक्टर का फ्यूचर ग्रोथ बहुत अच्छा हो, आपको ऐसे सेक्टर में निवेश नहीं करना है जो खत्म होने वाला है। जी सेक्टर धीरे-धीरे खत्म हो रहा है उसे सेक्टर में निवेश करने आपका नुकसान होगा क्योंकि अगर उस सेक्टर का ग्रोथ ही नहीं होगा तो कैसे शेयर का ग्रोथ होगा।
एग्जांपल– जैसे अभी Oil–gas/ Petrol Diesel Car सेक्टर धीरे-धीरे खत्म हो रहा है और उसके बदले रिन्यूएबल एनर्जी/ Ev Car सेक्टर का ग्रोथ हो रहा है।
आपको ऐसे सेक्टर में निवेश करना है में आपको निवेश करना है जी सेक्टर का फ्यूचर ग्रोथ बहुत अच्छा है और वैसे सेक्टर का निवेश से बचना चाहिए जिस सेक्टर का ग्रोथ धीरे-धीरे कम हो रहा है, वैसे सेक्टर में निवेश करने से आपका नुकसान होने की संभावनाएं रहता है क्योंकि ग्रोथ नहीं होगा तो आपका निवेश किया हुआ स्टॉक उसका भी ग्रोथ नहीं हो सकता।
2. कम्पनी का Business को समझें
अगर आपको निवेश करने के लिए एक अच्छे सेक्टर का पता चल जाता है तो उसके बाद आपको उसे सेक्टर के Top परफॉर्मेंस स्टॉक को चुना है जिस कंपनी का बिज़नेस बहुत अच्छा तरीके से ग्रो कर रहा है उसके साथ ही कंपनी अपने Peers से क्या क्या Advantage कंपनी के पास। किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसे कंपनी का बिजनेस समझना आपके लिए जरूरी होता है क्योंकि अगर आप बिना जाने की निवेश कर देते हैं तो आपका नुकसान होने का संभावनाएं रहता है। ज्यादातर लोग बिना कुछ दिखेगी वह लोग किसी भी कंपनी में निवेश कर देते हैं जिस कारण उनका नुकसान का सामना करना पड़ता है। किसी भी कंपनी का बिजनेस समझने के लिए कुछ बातें जरूरी होता है जैसे–
À. Oppertunity :–
एग्जांपल Tata Motors Ev Car सेगमेंट में सबसे पहले Inter किया है, जिस कारण आज के डेट में Ev Car सेगमेंट का मार्केट Leader Tata Motors को कहा जाता है। इसीलिए जब भी किसी कंपनी अपनी दूरदर्शी का को काम में लगता है और सबसे पहले मार्केट में आता है वह मार्केट लीडर बन जाता है। कंपनी सही समय में सही डिसीजन लेने के कारण कंपनी का शेयर प्राइस 80 रूपये 1000 रुपए में ट्रेड कर रहा है।
वैस सेम एग्जांपल Coaching Shipyard, Mazgaon Dock, Hal अपने डिफेंस थीम के कारण वह लोग अच्छा रिटर्न दिया है। वैसे ही Irfc, Rvnl रेलवे थीम के कारण बहुत अच्छा रिटर्न दिया है।
B. कम्पनी का Strength को खोजे :–
एग्जांपल Irfc (Indian Railway Finance Corporation) कंपनी का में बिजनेस है Indian Railway का जितना भी Infrastructure एंड Development मैं जितने भी पैसे का जरूरत है उसका Finance करना। कंपनी के पास एक स्ट्रैंथ है कि इसका बिजनेस में कोई भी एंट्री नहीं कर सकता क्योंकि ये इंडियन रेलवे का ही एक पार्ट है। कंपनी अपने सेगमेंट का मोनोपोली बिजनेस करता है और इस सेक्टर में किसी भी अन्य कंपनी का एंट्री होना मुमकिन नहीं है इसीलिए कंपनी अपने मनमर्जी प्रॉफिट कमा सकता है।
इसी तरह अगर आप किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करने से पहले इस कंपनी का स्ट्रैंथ को चेक कर लेना जरूरी होता है। और आपको देखना पड़ेगा कंपनी के बिजनेस आगे चलकर किसी तरह का खतरा तो नहीं है, कंपनी अपने फ्यूचर गोल को कैसे बना रहा है, और फ्यूचर गोल के अनुसार कैसे कम कर रहा है।
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C. कम्पनी का Weakness को खोजे :–
उदाहरण Irfc (Indian Railway Finance Corporation) कंपनी का 100% बिजनेस इंडियन रेलवे से ही आता है, ओर अगर किसी कारण बस इंडियन रेलवे से अपना आर्डर नहीं आता है, तो कंपनी कैसे अपने बिजनेस को कैसे संभालेगा इसमें सवाल उठ जाता है।
इसीलिए निवेश करने से पहले कंपनी का बिजनेस भी देखना ना जरूरी होता है। कंपनी का आर्डर अगर एक ही जगह से आ रहा है तो वह सही नहीं माना जाता है अगर किसी कारणवश कहां से आर्डर नहीं आता है तो कंपनी का चलना बड़ा मुश्किल हो जाता है।
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D. Threat या खतरा :–
किसी कंपनी को बहुत तरीके का खतरा हो सकता है जैसे अपने-अपने बिजनेस चैलेंज को कैसे लेता है, कंपनी न्यू टेक्नोलॉजी में कितनी जल्दी इंटर होता है, कंपनी के ऊपर किसी प्रकार का कोर्ट केस तो नहीं है, और अगर कोर्ट केस है अभी तो कितना बड़ा या कितना पेनल्टी लग सकता है इसका, कंपनी का मैनेजमेंट के ऊपर किसी प्रकार का गलत आरोप वगैरा तो नहीं है आदि को आपको देखना पड़ता है। उसके बाद ही आप किसी कंपनी में लंबे समय के लिए निवेश कर सकते हैं नहीं तो आपका नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
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3. Fundamental Analysis
कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए आपको कंपनी का Annual Report या Quarterly Report को करना पड़ेगा, इसके लिए आप कंपनी का ऑफिशियल वेबसाइट या Nse और Bse का वेबसाइट में भी आपको मिल जाएगा पढ़ने के लिए। या टिकट ऐप Scanner.in आदि वेबसाइट से भी कंपनी का Annual Report या Quarterly Report को पढ़ पाएंगे।
कंपनी के एनुअल रिपोर्ट में आपको पढ़ने के लिए मिलेंगे कंपनी साल भर में कितना रुपए का बिजनेस किया है उसमें कितना खर्च हुआ है कितना रुपए प्रॉफिट हुआ है आदि के बारे में। किसी भी कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करने के कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स होते हैं जिनके बारे में नीचे चर्चा की गई है।
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A. Market Cap :–
इसमें आपको पता चलेगा कि कंपनी का मार्केट कैप कितना बड़ा है, कम्पनी Large Cap, Midcap, Small Cap कौन सी कैटेगरी में पड़ता है। कंपनी का मार्केट कैप जितना बड़ा होगा उसमें रिस्क भी उतना ही काम होगा उसके साथ ही रिटर्न भी आपको काम होगा। और कंपनी का मार्केट कैप जितना छोटा होगा उसमें लिरिक्स भी उतना ही ज्यादा होगा और रिटर्न भी उतना ही ज्यादा मिलता है।
B. Seles :–
कंपनी का सेल्स देखकर हमें समझ आता है कि कंपनी क्वार्टर और क्वार्टर या साल दर साल अपना सेल्स को कितना अच्छे तरीके से ग्रो कर रहा है वह समझ आता है। कंपनी का सेल्स जितना ज्यादा गो होगा कंपनी का प्रॉफिट होने का चांसेस ही उतना ही ज्यादा बढ़ जाता है।
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C. Profit & Loss :–
कंपनी का प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट देखकर समझ आता है की कंपनी अपना बिजनेस ग्रुप के साथ-साथ अपना प्रॉफिटेबिलिटी को कैसे देख रहा है। कपनी का Seles साल दर साल ग्रो हो रहा है लेकिन प्रॉफिट गो नहीं हो रहा है तो इसका मतलब होता है कंपनी अपना प्रॉफिट को फॉक्स नहीं कर रहा है जो एक खराब सिग्नल होता है। और जो कंपनी सेल्स के साथ-साथ थी अपना प्रॉफिट को भी गो कर रहा है वह एक अच्छा सिग्नल होता है किसी भी कंपनी का।
D. Balance Sheet:–
कंपनी का बैलेंस शीट देखकर हमें पता चलता है कि कंपनी अपना Equity Capital, Reserve, Borrowing, Liabilities को कैसे मैनेज कर रहा है उसके साथ ही कंपनी का Fixed Assets, Investment Others Assets को कैसे मैनेज करता है इसके बारे में जानकारी मिलती है।
E. Cash Flow :–
कंपनी का कैश फ्लो स्टेटमेंट में देखकर हमें मुझे पता चलता है कि कंपनी के पास कितना पैसा आ रहा है वह पैसा कहां-कहां खर्च हो रहा है और कंपनी कितना पैसा बचा पा रहा है या कंपनी के पास कितना पैसा आने वाला है इनके बारे में जानकारी मिलती है।
F. Return on Equity (ROE) :–
ROE से हमेशा पता लगता है कि कंपनी अपने शेयर होल्डर को कितना रिटर्न कमा दे कर रहा है। आसान शब्दों में Roe 20% का मतलब होता है अगर किसी निवेशक साल के प्रथम में 1000 रुपए निवेश किया है तो उसे 1 साल बाद 20% का रिटर्न इसका मतलब ₹1200 हुआ होगा।
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G. Return on Capital Employed (ROCE) :–
Roce का मतलब होता है कंपनी अपना पूरे इन्वेस्टमेंट के ऊपर कितना रिटर्न कमा पा रहा है।
एग्जांपल, अगर कंपनी का पूरा Assets का वैल्यू 1 लाख रुपए होता है और कंपनी साल के अंत में ₹20000 रूपये कमा रहा है तो उसका Roce होगा 20% का।
H. Debt to Equity Ratio :–
Debt to Equity Ratio से हमें पता चलता है कि कंपनी के पास कितना Debt है। Debt to Equity Ratio 0.5% का मतलब होता है अगर प्रमोटर अपना शेयर बेचकर ₹100 उठाया है और ₹50 Debt करके उठाया है।
I. Holding :–
Holding को देखकर हमें पता चलता है कि कंपनी में किसके पास कितना Holding है। साल दर साल प्रमोटर का होल्डिंग घट रहा है वह एक अच्छा सिंगल नहीं होता है, ओर यदि किसी भी शेयर में Fii, Dii अपना होल्डिंग को धीरे-धीरे बढ़ रहा है तो वह एक अच्छा सिग्नल होता है किसी भी शेयर के लिए।
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4. Valuation Analysis
सेक्टर एनालिसिस के बाद जब आपको स्टॉक खरीदना है उससे पहले आपको स्टॉक महंगा है या सस्ता इसको देख लेना जरूरी होता है क्योंकि अगर आप हायर प्राइस में स्टॉक को खरीद लेते हैं और अगर स्टॉक नीचे आता है तो आपका नुकसान हो सकता है। इसीलिए स्टॉक खरीदने से पहले उसका वैल्यूएशन एनालिसिस कर लेना जरूरी होता है वैल्यूएशन एनालाइज करने के लिए दो-तीन बातें मुख्यतः देखना चाहिए जैसे–
A. PE Ratio:–
Pe Ratio का फूल फार्म होता हे Price to Earning Ratio, इसकी मदद से आप पता कर सकते हैं कंपनी महंगा है या सस्ता। Pe Ratio 20 का मतलब होता है निबेशक 1 रुपए कमाने के लिए ₹20 देने के राजी है। Pe Ratio 20 के आसपास बहुत अच्छा माना जाता है।
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B. Industry Pe Ratio :–
यदि किसी स्टॉक का प्राइस अपना Industry Pe Ratio से काम चल रहा है तो उसे सस्ता माना जाता है। और यदि किसी स्टॉक का प्राइस अपना Industry Pe Ratio से High चल रहा है तो उसे महंगा माना जाता है। स्टॉक खरीदने से पहले Industry Pe Ratio को देख लेना बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि अगर आप हायर प्राइस में स्टॉक को खरीद लेते हैं तो आपका नुकसान हो सकता है।
5. Management Analysis
सब कुछ अच्छे से एनालिसिस करने के बाद लास्ट में आपको मैनेजमेंट एनालिसिस करना पड़ता है क्योंकि अगर मैनेजमेंट ही अच्छा नहीं हुआ तो कंपनी कैसे अच्छे से काम करेगा। यदि मैनेजमेंट अच्छा होता है तो कंपनी में बड़े-बड़े निवेशक जैसे FII,DII निवेश करते हैं इस कारण कंपनी बहुत अच्छा रिटर्न देता है।
यदि उसे कंपनी की बड़े-बड़े अधिकारी किसी अच्छे कंपनी में काम करके उसे कंपनी को बहुत अच्छा ग्रो किया है, उसके बाद इस कंपनी में आया है तो इसका मतलब होता है उस अधिकारी इस कंपनी को बहुत अच्छे तरीके से ग्रो करने का चांसेस रहता है। Management का Analysis करने के लिए हमें कंपनी के ऑफिसियल वेबसाइट का सहारा ले सकते हैं या फिर मैनेजमेंट का नाम लिखकर हम लोग गूगल से उनके बारे में डाटा को इकट्ठा कर सकते हैं। जिसके मदद से हम निवेश करने का इरादा कर सकते हैं और अगर हमें उनका इरादा अच्छा लगा तो निवेश करने के बारे में सोचेंगे।
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FAQ
फंडामेंटल मजबूत शेयर का पहचान कैसे करें?
फंडामेंटल की मजबूत करने के लिए कुछ बिंदु के ऊपर आपको ध्यान देना है जैसे–
1. कंपनी Seles साल दर साल ग्रो होना चाहिए।
2. उसके साथ ही कंपनी का प्रॉफिट भी साल दर साल ग्रो होना चाहिए।
3. कंपनी में प्रमोटर्स का होल्डिंग ज्यादा से ज्यादा होना चाहिए या प्रमोटर का होल्डिंग 50% से अधिक होना चाहिए।
4. कंपनी में अगर Fii और Dii का होल्डिंग बढ़ रहा है तो यह अच्छा संकेत होता है।
5. कंपनी के ऊपर Debt कम से कम होना चाहिए, अगर बैंकिंग सेक्टर है तो वह अलग बात है।
6. कंपनी का Roce 20% से ज्यादा हो तो अच्छा होता है।
7. कंपनी का Net Profit Margin (Npm) जितना ज्यादा होगा उतना अच्छा है लेकिन मिनिमम 10% करना चाहिए।
8. कंपनी जी सेक्टर में काम कर रहा है उसे सेक्टर का फ्यूचर बहुत अच्छा होना चाहिए।
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Q.1 शेयर मार्केट की बेसिक नॉलेज क्या है?
Ans:– शेयर मार्केट में कंपनियों का शेयर का खरीद बिक्री होता है, शेयर मार्केट की सबसे बेसिक नॉलेजों में से एक है आपको फंडामेंटल एनालिसिस सीखना पड़ेगा इसके बाद आपको टेक्निकल एनालिसिस सीखना पड़ेगा तभी आप शेयर मार्केट में निवेश करके पैसा कमा सकते हैं।
Q.2 शेयर होल्डिंग पेटर्न कैसे चेक करें?
Ans:– शेयर होल्डिंग पेटर्न चेक करने के लिए आप किसी भी ब्रोकर के पास या scanner.in का सहारा ले सकते हैं जहां पर आप बहुत आसानी से कंपनी का शेयर होल्डिंग पेटर्न को मिनिमाइज कर सकते हैं।
Q.3 शॉर्ट टर्म के लिए अच्छे स्टॉक कैसे चुने?
Ans:– शॉर्ट टर्म के लिए सबसे अच्छे स्टॉक चुनने के लिए आपको अच्छे से टेक्निकल एनालिसिस की नॉलेज लेना जरूरी है उसके बाद ही आप शॉर्ट टर्म में स्विंग ट्रेडिंग करके स्टॉक मार्केट से पैसे कमा सकते हैं।
Q.4 शेयर खरीदने से पहले क्या देखना चाहिए?
Ans:– शेयर खरीदने से पहले हमें कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करना पड़ेगा, उसमें कंपनी किस सेगमेंट में बिजनेस कर रहा है, कंपनी का फ्यूचर प्लान क्या है, इसके बारे में जानना पड़ेगा उसके बाद मैनेजमेंट को देखना पड़ेगा, उसके बाद हमें इस कंपनी में निवेश के बारे में सोचना है।
Q.5 फंडामेंटल एनालिसिस के लिए कौन सी वेबसाइट सबसे अच्छी है?
Ans:– Fundamental Analysis करने के लिए सबसे अच्छा वेबसाइट है tijorifinance.com और scanner.in, इन दोनों वेबसाइट में स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस करने का बहुत अच्छे सुविधा है।
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Conclusion
स्टॉक में निवेश करने से पहले हमें पता होना चाहिए Share Market Fundamental Analysis in Hindi, फंडामेंटल एनालिसिस करने के बाद स्टॉक में पैसा लगाते हैं तो आपका नुकसान होने का संभावना बहुत कम हो जाता है। फंडामेंटल एनालिसिस करने के बाद अगर आप कंपनी में इन्वेस्ट करते हैं तो आपका प्रॉफिट होने का चांसेस बढ़ जाएगा। फंडामेंटल एनालिसिस के अंदर हमें सबसे पहले कंपनी का बिजनेस और सेक्टर को समझना पड़ता है उसके बाद कम्पनी का Fundamental Analysis करना पड़ता है फिर उसके बाद वैल्यूएशन एनालाइज के बाद मैनेजमेंट एनालिसिस करना पड़ता है उसके बाद ही अच्छे से कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस होता है।
Fundamental Analysis करने के लिए कुछ आसान Steps के बारे में हमने बताया है जिसका फॉलो करके आप अच्छे से फंडामेंटल एनालिसिस सीख सकते हैं और मार्केट से पैसा कमा सकते हैं।
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आज हमने जाना
- नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने सीखा Share Market Fundamental Analysis in Hindi, फंडामेंटल एनालिसिस क्या है, फंडामेंटल एनालिसिस करना क्यों जरूरी है, फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करते हैं और भी महत्वपूर्ण प्रश्नों जानकारी देने की कोशिश कि हे।
- आशा करता हूं हमारा दिए गए जानकारी से आप बहुत कुछ सीख पाए हैं, हमारा द्वारा दिए गए इस जानकारी को पढ़ने के लिए, और अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
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