Option Trading एक जोखिमपूर्ण काम है,इसमें Success पाने के लिए Option Trading Ke Niyam पालन करना पड़ेगा तभी आप एक Successful ऑप्शन ट्रेडर बन सकते हैं।
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Option Trading Ke Niyam |
OPTION TRADING NIYAM
लोने लेकर ट्रेड न करा
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखें
सारी पूंजी का उपयोग न करें
कभी भी आपको एक ही ट्रेड में आपका Total Capital दाब पर नहीं लगना चाहिए, कुछ ट्रेडर्स ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम को पालन ना करके एक ही ट्रेड में अपना पूरा Capatial को Use देते हैं और जब उनका एक ही ट्रेड में बड़ा लॉस हो जाता है तो तब उस समय उनके पास Capital नहीं बचता है। आपको इस प्रकार का गलती कभी भी नहीं करना चाहिए, और ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम पालन करना पड़ेगा।ऑप्शन ट्रेडिंग करने आए 90% लोग अपना टोटल Capital का 90% पहले 90 Days में ही खत्म कर देते हैं और अंततः वह लोग खाली हाथ घर लौट जाते हैं और कहते हैं कि ऑप्शन ट्रेडिंग एक जुआ है। क्योंकि उनके पास Money Management या Risk Management बोलकर कुछ भी ज्ञान नहीं रहता है, और ना ही उनके पास किसी प्रकार का ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम और स्ट्रेटजी होते हैं।पूंजी का उपयोग
Example:-
अगर आपका total capital ₹100000 है तो आपका केवल ट्रेडिंग में उसे होने वाला amount सिर्फ ₹10000 ही होगा और आपका एक ट्रेड में maxiamum loss 1000 का लेना होगा इससे ज्यादा लॉस नहीं करेंगे। इस तरीके से अगर आप अपनी capital को उपयोग करते हैं तो आप जरूर एक दिन professional or successful traders बन सकते हैं और अपने जीवन में ऑप्शन ट्रेडिंग से बहुत कुछ कर सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग रणनीति
बिना किसी प्रकार के ऑप्शन स्ट्रेटजी के आपको ऑप्शन ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए, अगर आप बिना किसी प्रकार का ऑप्शन स्ट्रेटजी के ट्रेडिंग करते हैं तो आपको लॉस होने की संभावना बहुत बढ़ जाता है। अगर आप सिर्फ CALL या PUT को Price ऊपर जा रहा है, यह देखकर Buy कर लेते हैं की Price और ऊपर जाएगा और आपको यह पता ही नहीं है की कब आपको Exit लेना है तो ऐसा करने से आपको बड़ी नुकसान का सौदा हो सकता है क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत ही ज्यादा जोखिम पूर्ण काम होता है। इसीलिए आपको पोजीशन बनाने से पहले ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम और स्ट्रेटजी का पता होना चाहिए जैसे की Support and Resistance, Candlestick Pattern, Chart Pattern किसी प्रकार का अन्य Logic जो 70 से 80% Prove हो ऐसे ही किसी स्ट्रेटजी का उपयोग करके आपको Call या Put के पोजीशन में Entry लेना चाहिए।पोजीशन सिज़िंग
ऑप्शन ट्रेडिंग के एक महत्वपूर्ण नियम है Position Sizing। नए ट्रेडर्स ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम जब ऑप्शन ट्रेडिंग में आते हैं तो उन्हें Position Sizing के बारे में कुछ पता ही नहीं होता है और वह लोग पहले ही बहुत ज्यादा Quantity में ट्रेड करने लगते हैं जिससे उनकी Loss की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। पहले 1 साल आपको बहुत ज्यादा Quantity में ट्रेड नहीं करना है एक Lot कर की ही ट्रेड करना है और नोट करना है कहां-कहां पर आपका किस-किस प्रकार का गलती हो रहा है, उसे गलती को आपको सुधारना पड़ेगा उसके बाद ही आप ज्यादा Quantity में ट्रेड कर सकते हैं नहीं तो आपका बड़ा नुकसान हो सकता है।ओवर ट्रेडिंग
ऑप्शन ट्रेडिंग के 7 प्रभावी नियम के अंदर एक नियम है ओवर ट्रेडिंग है, बहुत से ट्रेडर्स का असफलता मुख्य कारण Over Trading होता है क्योंकि उनका प्रॉफिट से ज्यादा Brokerage में ही चला जाता है। लगातार ओवर ट्रेडिंग करने के कारण हमारे मानसिक स्थिति में प्रभाव पड़ता है और और वह गलत फैसले का शिकार हो जाते हैं और लॉस बढ़ता ही जाता है ।ट्रेडर्स अपने लॉस को Recover करने के लिए दिन में बहुत से ट्रेड कर लेते हैं जिस कारण उन लोगों का प्रॉफिट से ज्यादा ब्रोकरेज में पैसा चला जाता है और दिन के अंततः में लॉस घर जाथे थे।ओवर ट्रेडिंग करने से आपको कभी भी प्रॉफिट में Closeing नहीं करते हैं,क्योंकि आपकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है,आपको कभी भी ओवर ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए और ऑप्शन ट्रेडिंग की नियम पालन करना होगा।ट्रॉलिंग स्टॉपलॉस
जैसे बिना ब्रेक वाली गाड़ी को नहीं चलाया जा सकता वह बहुत रिक्स है, वैसी ही बिना Stop Loss के ट्रेडिंग करना बहुत रिक्स है। लेकिन जब बात आती है Tralling Stoploss की तो यह समझ लीजिए यह Stop Loss से भी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।Tralling Stoploss का मतलब होता है जैसे-जैसे प्राइस बढ़ने लगता है इस प्रकार Stop Loss को भी Price के साथ-साथ बढ़ाना होता है, यहां पर आप इस बात को समझिएगा Tralling Stoploss कोई अलग Stoploss नहीं होता है यह Stoploss ही होता है लेकिन हम इस बार-बार बदलते रहते हैं Price के साथ-साथ,इसीलिए इस से Tralling Stoploss जाता है।Example:-
आप अगर कोई Call ऑप्शन को ₹100 में खरीदने हैं और उसका Stoploss 95 पर रखते हैं अगर उसे Call ऑप्शन का price 105 रूप होता है तो आपका Stoploss ₹100 हो जाएगा और जब उसे call ऑप्शन का price 110 रुपए होता है तब आपका Stoploss 105 रुपए हो जाएगा ऐसे ही प्राइस के साथ-साथ आपका Stoploss भी बढ़ाते रहेगा। इस प्रकार से स्टॉप लॉस को बदलते रहना को Tralling Stoploss कहा जाता है। Tralling Stoploss का एक बड़ा फायदा है की यह आपके Loss को minimum या कम से कम कर देता है और आपके Profit को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित करने का काम करता है, और आपको ट्रेडिंग मैं लॉस होने का संभावना एकदम से ना के बराबर हो जाएगा, लेकिन आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम का पालन जरूर करना चाहिए नहीं तो उन्होंने सोने की संभावना है बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
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रिस्क मैनेजमेंट
अगर आपको ऑप्शन ट्रेडिंग में Sucuses पाना है तो आपको रिस्क मैनेजमेंट सीखना पड़ेगा ,क्योंकि बिना रिस्क मैनेजमेंट के कोई भी ट्रेडर्स आज तक ऑप्शन ट्रेडिंग में Sucuses नहीं पाया है। कैसे हैं आपको रिस्क मैनेजमेंट करना है वह नीचे के पॉइंट में बताया गया है वह आपको ध्यान से पड़ना हैं-
1. आपको अपने रिस्क लेने का क्षमता को पता करना पड़ेगा, आप पर लौट में कितना कितना रुपए का रिस्क या लॉस ले सकते हैं उसे अनुसार आपको पर लौट में रिस्क Amount fixed करना है।
2. एक ट्रेड में ही आपका टोटल कैपिटल अमाउंट को नहीं लगना चाहिए।
3. आपको अपने नुकसान को कम करने के लिए स्टॉप लॉस लगाना चाहिए |(Stock Market Mein Nivesh Karte Samay Kisi Ko Kya Savdhani Rakhni Chahie )
होल्डिंग पीरियड
ऑप्शन ट्रेडिंग में ऑप्शन को Buy करने के बाद आप लंबे समय तक पोजीशन में Holding ना रहे अगर आपको पोजीशन लेने के कुछ देर बाद ही कुछ प्रॉफिट देखने लगा तो आपको Tralling Stoploss का use करना चाहिए और अगर आपको entry लेने के बाद मार्केट अगर sideways हो जाता है और लॉस दिखाई देने लगता है तो आपको उस position से exit ले लेना चाहिए। मार्केट sideways हो जाने के बाद कुछ कुछ ट्रेड इस position को hold कर लेता है ओर भर दिन तक फंसे रह जाते हैं और कुछ ट्रेड तो इस position को अगले दिन के लिए भी Hold कर लेता है इसे आसा मै की अगले दिन Gap up या Gup down होगा तो उन्हें इस loss से Recover हो जाएगा और अगले दिन ऐसा नहीं होता है,और ज्यादातर ट्रेडर्स ऑप्शन ट्रेडिंग के नियमों पालन नहीं करते हैं इसी कारण से लॉस में चले जाते हैं। पोजीशन में एंट्री लेने से पहले आपको एक निर्दिष्ट टाइम फ्रेम का निर्धारण करना चाहिए कि आप वही टाइम फ्रेम के कैंडलेस्टिक पेटर्न को देखकर अपनी पोजीशन में एंट्री या एग्जिट लेंगे।हर समय ट्रेड न करें
OTM ना खरीदी
आपको ऑप्शन ट्रेडिंग में ITM,OTM,ATM क्या है यह पता होना चाहिए और यह कैसे काम करता है वह पता होना चाहिए और आपको कभी भी OTM को Buy नहीं करना चाहिए क्योंकि OTM के अंदर सिर्फ timevalue ही रहता है उनका कोई intrinsic value नहीं रहता है जिस कारण वह लोग time के साथ-साथ बहुत जल्द डीके/नष्ट हो जाता है,जितना टाइम बीतेगा उतना प्रीमियम कमता।Expiry Day ट्रेड न कर
ट्रेड टाइमिंग
अभिलेख बनाए
जितने भी सफल ऑप्शन ट्रेडर्स है वह ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम पालन करते हैं और अपने ट्रेड को रिकॉर्ड करते हे जिसका मतलब ब लोक कब-कब ट्रेड लिए हैं, किस कारण वह ट्रेंड को लिए हे, किस ट्रेड में लॉस हुआ,किस कारण से लॉस को हुआ है वह सब कुछ एक Excell sheet में रिकॉर्ड बनते हैं जिस कारण वह अपने पहले के हुए गलती से सीखते हैं,और उस प्रकार का गलती फिर से नहीं दोहराते है|FAQ
Q.1 ऑप्शन ट्रेडिंग में शुरुआत कैसे करें?
Ans: ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए पहले आपको एक ट्रस्टेड को ब्रोकर के पास अपने डिमैट अकाउंट खोलना पड़ेगा उसके बाद ब्रोकर के पास फेनो सेगमेंट एक्टिवेट करना पड़ेगा उसके बाद ही आप फीचर एंड ऑप्शंस को बाय योरसेल्फ कर सकते हैं।
Q.2 ऑप्शन ट्रेडिंग में प्रॉफिट कैसे होता है?
Ans: अगर आप ऑप्शन बाय करने से पहले एनालिसिस से करते हैं और कम प्राइस में ऑप्शंस को खरीदने हैं और ज्यादा प्राइस में ऑप्शंस को भेजते हैं तो आप अपने आप ही प्रॉफिटेबल हो जाएंगे।
Q.3 ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए कितनी पूंजी की आवश्यकता है?
Ans: ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए ऐसा कोई मिनिमम बैलेंस का क्राइटेरिया नहीं है आप ₹100 से भी ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं लेकिन अगर आपको कम रिस्क के साथ ट्रेड करना है तो मिनिमम आपको 5000 से ₹7000 से शुरू किया जा सकता है। और उसके लिए आपको ऑप्शंस के ITM Buyकरना पड़ेगा।
Q.4 ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना रिस्क होता है?
Ans: अगर आप एक ऑप्शन बाहर है तो आपको लिमिटेड लॉस होगा लेकिन अनलिमिटेड प्रॉफिट हो सकता है और अगर आप ऑप्शन सेलर है तो आपको अनलिमिटेड लॉस और लिमिटेड प्रॉफिट हो सकता है।
Q.5 ऑप्शन ट्रेडिंग खराब क्यों है?
Ans: ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत ज्यादा जोखिमपुर में काम है यहां पर आपको कुछ समय में ही बहुत ज्यादा रिटर्न और बहुत ज्यादा लॉस हो सकता है आपकी कुछ गलतियों के कारण से इसीलिए ऑप्शन ट्रेडिंग कई लोग खराब कहते हैं।
Q.6 ऑप्शन कब खरीदना चाहिए?
Ans: मार्केट कुछ देर एक रेंज में फंसे रहने के बाद जब आप या डाउन ट्रेंड में जाने का सिग्नल मिले तभी आपको ऑप्शंस बाय करने का सठिक समय होता है।
निस्कर्ष
एक Successful Option Traders बनने के लिए आपको Option Trading Ke Niyam मानना पड़ेगा तभी आप Successful Option Traders बन सकते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग में Successful होने हे तो ट्रेड लेने से पहले आपको analysis करना पड़ेगा, सही जगह Entry और Exit करना पड़ेगा,कभी भी आप बिना ज्ञान के ऑप्शन ट्रेडिंग ना करें। कभी भी जल्दी बाजी में ट्रेड ना ले नहीं तो आपको लॉस हो सकता है।ऑप्शन ट्रेडिंग मैं आप कम से कम टाइम में मार्केट के हर तरीके के लाभ उठा सकते हैं और कुछ समय में बहुत ज्यादा Return कमा सकते हैं,लेकिन उसके लिए आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम पालन करना पड़ेगा।