Swing Trading Strategies in Hindi :– नए निवेशकों के लिए मार्केट में एंट्री करने का सबसे अच्छा तरीका है स्विंग ट्रेडिंग, क्योंकि Swing Trading में प्रॉफिट कामना अन्य ट्रेडिंग की तुलना में आसान है अगर आप सही से Swing Trading Strategies in Hindi का अप्लाई करते हैं। स्विंग ट्रेडिंग में नुकसान होने की संभावनाएं बहुत कम होता है इसमें नए निवेशक आसानी से प्रोफिट कमा सकते हैं।(Candlestick Chart Pattern in Hindi)
स्विंग ट्रेडिंग से पैसे कमाने के लिए आपको मार्केट की गहरी जानकारी होना जरूरी नहीं है सिर्फ आपको थोड़ा बहुत टेक्निकल एनालिसिस चार्ट पेटर्न एनालिसिस की जानकारी हो रही जरूरी है। स्विंग ट्रेडिंग के अंदर Stocks का छोटे-छोटे Momentum पकड़ा जाता है और उससे प्रोफिट कमाया जाता है।(Kya Market Mein Paisa Lagana Sahi Hai)
Swing Trading Strategies in Hindi
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के बहुत से प्रकार है उसमें से सबसे ज्यादा पॉपुलर और प्रॉफिटेबल है Swing Trading इसमें नए निवेशक भी आसानी से प्रॉफिट कमा सकते हैं मार्केट में थोड़ा बहुत जानकारी लेकर। स्विंग ट्रेडिंग में नुकसान ना के बराबर होता है अगर आप थोड़ा बहुत मार्केट के बारे में जान लेते हैं तो आपको नुकसान ना के बराबर होगा।(Intraday Trading Kaise Sikhe)|
स्विंग ट्रेडिंग के ऐसे बहुत से स्ट्रेटजी है जिसको फॉलो करके आप मार्केट से अच्छा खासा प्रॉफिट कमा सकते हैं, आज के इस लेख में हम Swing Trading Strategies in Hindi के बारे में चर्चा करेंगे और और शेयर मार्केट में कैसे Swing Trading से पैसा कमाए उनके बारे में Detail में जानेंगे। स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी को जानने से पहले हमें जानना जरूरी है स्विंग ट्रेडिंग क्या है, और कैसे काम करता है तो चलिए जानते हैं स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे काम करता है।
Swing Trading क्या होता है?
स्विंग ट्रेडिंग एक प्रकार का Stocks को शॉर्ट टर्म के लिए खरीदना और बेचना होता है जो एक सप्ताह या एक महीने या थोड़ा उसे ज्यादा समय के लिए होता है। इसमें हम किसी भी कंपनी का Stocks को खरीदने हैं और एक हफ्ता या एक महीना या उससे ज्यादा समय के लिए Hold करते हैं और जब हमारा टारगेट प्रॉफिट हो जाता है उसके बाद हम स्टॉक को बेच देते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के अंदर स्टॉक को लंबी Trend के लिए नहीं बल्कि स्टॉक का शॉर्ट–टर्म का Momentum को Trade की जाती है। जब स्टॉक अच्छा खासा Uptrend के बाद Retracement करता है उसके बाद जब रिवर्सल होता है उसे समय हमें ट्रेड में एंट्री लेना होता है और उसका Low हमारा स्टॉपलॉस रहता है। उसके बाद Stocks अपना टॉप के पास पहुंचता है उसके बाद अगर हमें किसी प्रकार का Bearish Trend का संकेत मिलता है तो हमें स्टॉक से प्रॉफिट बुकिंग करने होते हैं। स्विंग ट्रेडिंग बहुत छोटे समय के लिए की जाती है जैसे एक हफ्ता से लेकर 1 महीने या 2 महीने तक, और किसी किसी क्षेत्र में 6 महीने भी हो जाता है।
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Swing Trading कैसे की जाती है?
स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको कुछ Steps को पालन करना पड़ेगा जैसे–
1. स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक की खरीद–बिक्री करने के लिए आपके पास एक डिमैट अकाउंट होना जरूरी है जिसके मदद से आप किसी भी से को खरीद और बिक्री कर सकते हैं और लंबे समय तक स्टॉक को होल्ड कर सकते हैं अपने डिमैट अकाउंट में। जैसे पैसे को जमा करने के लिए सेविंग्स अकाउंट होता है वैसे ही स्टॉक को जमा/Hold रखने के लिए डिमैट अकाउंट होता है|
2. स्विंग ट्रेडिंग के बारे में जाने मतलब स्विंग ट्रेडिंग क्या है,स्विंग ट्रेडिंग कैसे काम करता है, स्विंग ट्रेडिंग में किस तरीके से प्रोफिट कमाया जाता है।
3. मार्केट का Trend समझे Uptrend क्या होता है, Downtrend क्या होता है, Sideways Trend क्या होता है और Trend कैसे काम करता है इन सब के बारे में गहरी जानकारी ले।
4. Technical Analysis अच्छे तरीके से सीखे, टेक्निकल एनालिसिस में Uptrend क्या होता है, Downtrend क्या होता है, Trendline कैसे काम करता है, इंडिकेटर का उपयोग कैसे करें, सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस क्या होता है और कैसे काम करता है, इन सबके समझ होना जरूरी है।
5. टेक्निकल एनालिसिस में आपको कैंडलेस्टि्क्स और चार्ट पेटर्न की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है।
6. जब चार्ट में बुलिश पैटर्न आपको बनने को देखें तब आपको स्टॉक में एंट्री लेना है।
7. स्विंग ट्रेडिंग में सफ़ल होने के लिए आपको रिस्क मैनेजमेंट को सिखाना जरूरी है, रिस्क मैनेजमेंट में आपको कितना नुकसान देना है वह फिक्स्ड होना पड़ेगा। उसके बाद ट्रेड लेने के बाद Stoploss लगाना है ट्रेड में प्रॉफिट हो जाने के बाद Training Stoploss को फॉलो करना है इन सब के बारे में सीखना पड़ेगा।
Swing Trading के लिए स्टॉक कैसे चुने?
स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेड करने के लिए सही स्टॉक को चुनना अति आवश्यक है, क्योंकि अगर आप गलत स्टॉक को पिक करते हैं तो आपका नुकसान हो सकता है इसीलिए स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए अच्छे स्टॉक को Buy करना जरूरी है, तो चलिए जानते हैं स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने–
1. स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको कौन सा सेक्टर अगले दो-तीन महीने में अच्छा परफॉर्म करेगी वह Identify करना है।
2. उसके बाद उसे सेक्टर के टॉप परफॉर्मिंग स्टॉक्स जिसमें रिवर्सल ले रहा है मतलब Downtrend से Uptrend की शुरुआत हो रहा है उन स्टॉक में आपको इंट्री लेना।
3. जिस स्टॉक में लिक्विडिटी अच्छा खाता है मतलब वॉल्यूम ज्यादा है वैसे ही स्टॉक में आपको इंट्री लेना है।
4. वैसे स्टॉक में आपको इंट्री लेना है जी स्टॉक में वोलैटिलिटी कम हो क्योंकि वोलैटिलिटी कम होने से आपका नुकसान होने के संभावना है कम हो जाता है।
5. स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए सबसे अच्छा निफ्टी 500 के स्टॉक होते हैं, निफ्टी 500 के स्टॉक में वॉल्यूम भी अच्छा खासा होता है।
6. मार्केट में जब Uptrend हो उस समय आपको स्विंग ट्रेडिंग करना है क्योंकि Downtrend में स्विंग ट्रेडिंग अच्छे तरीके से काम नहीं करता है और नुकसान हो सकता है।
7. जब कोई स्टॉक डाउन ट्रेंड के बाद सपोर्ट के पास रुक जाता है और सिदेवेज होने के बाद बुलीश चार्ट पेटर्न क्रिएट होता है और उसका Conformation हो जाने के बाद आपको ट्रेड में एंट्री लेना है।
8. जिस स्टॉप का 1–2 साल से डाउन ट्रेंड चल रहा है उसे स्टॉक में आपको स्क्रीन ट्रेडिंग के लिए ट्रेड नहीं करना है।
9. जिस स्टॉक में लंबे अवधि में Uptrend चल रहा है वैसे ही स्टॉक में आपको स्विंग ट्रेडिंग करना है।
10. Swing Trade खोजने के लिए आपको Daily निफ्टी 500 के All स्टॉक को नजर में रखना है, कब किस स्टॉक में कब बुल्लिश पैटर्न बना रहे हैं उसको ध्यान में रखना है।
Best Swing Trading Strategies
वैसे तो स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए कोई फिक्स्ड स्ट्रेटजी तो नहीं है लेकिन ज्यादातर समय स्टॉक कुछ पैटर्न का फॉलो करते हैं, उस पैटर्न के बारे में नीचे चर्चा की गई है–
1. Support and Resistance:–
Support एंड Resistance मेथड सबसे पुराना और पॉपुलर मेथड है स्टॉक को खरीदने और बेचने का। सपोर्ट उसे कहते हैं जिस Area से प्राइस बार-बार सपोर्ट ले रहे हैं और वहां से ऊपर जा रहे हैं या प्राइस उससे नीचे नहीं जा रहा है वहां पर से ही सपोर्ट लेकर ऊपर जा रहा है उसे सपोर्ट कहा जाता है और रेजिस्टेंस उसे कहते हैं जहां पर प्राइस बार-बार जाकर गिर जा रहा है या उससे ऊपर नहीं जा पा रहा है वहां से ही प्राइस गिर जा रहा है उसे रेजिस्टेंस कहा जाता है।
जब भी स्टॉक अपने सपोर्ट के पास आकर किसी Bullish कैंडल का निर्माण करता है और अगले दिन एक Green कैंडल क्रिएट होता है जो उसका कंफर्मेशन माना जाता है वहीं से हमें ट्रेड में एंट्री लेना है और Bullish कैंडल का Low हमारा स्टॉप लॉस की तरह काम करेगा, और जब कोई स्टॉक अपने रेजिस्टेंस के पास आकर Bearish कैंडल का निर्माण करता है और अगले दिन एक रेड कैंडल जो उसका कंफर्मेशन माना जाता है उसके बाद हमें ट्रेड में एंट्री लेना है और Bearish कैंडल का को हमारा स्टॉक लॉस रहेगा।
2. Moveing Avarage(MA) :–
मूविंग एवरेज का मतलब होता है अंतिम दिनों का शेयर का कुल प्राइस का एवरेज, 10 Day मूविंग एवरेज का मतलब होता है 10 दिनों का शेयर प्राइस का एवरेज प्राइस जो एक लाइन के माध्यम से दिखाया जाता है। ऐसे बहुत सारे स्टॉक होते हैं जो मूविंग एवरेज को फॉलो करते हैं, वह 20 Ma, 50 Ma, 100 Ma, 200 Ma हो सकता है। ऐसे बहुत सारे स्टॉक होते हैं जो 20 Ma या 50 Ma को फॉलो करते हैं मतलब Price जब 20 या 50 Ma के पास आता है तो वहां से स्टॉक प्राइस रिवर्सल लेता है।
जब भी कोई स्टॉक प्राइस 20 Ma या 50 Ma को नीचे से ऊपर की तरफ ब्रेकआउट कर रहा है उसे शॉर्ट टर्म के लिए Bullish Trend माना जाता है। जब कोई Bullish Candal क्रिएट होता है उसके बाद एक ग्रीन कैंडल का कंफर्मेशन मिल जाने के बाद हमें ट्रेड में एंट्री लेना है और उस Bullish Candal का को हमारा Stoploss रहेगा।
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3. Bollinger Bands :–
इस इंडिकेटर में एक Upperband होता है और एक Lowerband बंद होता है और बीच में 20 मूविंग एवरेज होता है। अपार बैंड का मतलब होता है स्टॉक Ovetbought हो चुका है और लोअर बैंड का मतलब होता है स्टॉक Overshould हो चुका है, स्टॉक का प्राइस हर समय के पास आने का कोशिश करेगा।
बोलिंग बैंड स्ट्रेटजी में हमें जब कोई स्टॉक का प्राइस Upperband के पास आकर कोई बेयरिश कैंडल बनता है उसके अगले दिन एक Red कैंडल बनता है जो कंफर्मेशन माना जाता है उसके बाद हमें स्टॉक को बेच देने होते हैं, और जब कोई स्टॉक Lowerband के पास आकर बुल्लिस कैंडल बनता है और उसके अगले दिन एक Green कैंडल बनता है जो कंफर्मेशन माना जाता है उसके बाद हमें स्टॉक को खरीदना है और Bullish कैंडल का Low हमारे स्टॉप लॉस की तरह काम करेगा।
4. MACD Indicator :–
Macd इंडिकेटर में दो लाइन परस्पर के साथ चलता है जिसमें से एक लाइन Macd लाइन होता है और एक सिग्नल लाइन होता है, जिसका काम होता है स्टॉक को खरीदने और बिक्री करने का सिग्नल देना। दोनों लाइनों में से एक Blue कलर का लाइन होता है जिसे Macd लाइन कहा जाता है और एक Red कलर का लाइन होता है जिसे सिग्नल लाइन कहा जाता है।
जब सिग्नल लाइन Macd लाइन को ऊपर से नीचे के तरफ काटता है मतलब Red लाइन जब Bule लाइन को ऊपर से नीचे की तरफ कटेगा उसे बुल्लीश क्रॉसओवर या Bullish Trend की शुरुआत होने का संभावना है रहता है। सिग्नल लाइन Macd लाइन को नीचे से ऊपर के तरफ काटता है मतलब Red लाइन जब Bule लाइन को नीचे से ऊपर की तरफ कटेगा उसे बेयरिश क्रॉसओवर या Bearish Trend की शुरुआत होने का संभावना है रहता है।
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5. Trendline :–
जब कोई स्टॉक या इंडेक्स का प्राइस Higher High–higher Low बनाते हुई ऊपर जा रहा है या Lowerlow–lowerhigh बनाते हुई नीचे जा रहा है तो उस Higher High टू Higher High को कनेक्ट करने से एक सीधा लाइन बनता है या Lowerlow टू Lowerlow को कनेक्ट करने से एक सीधा लाइन बनता है जिसे Trendline कहा जाता है।
जब किसी स्टॉक में Uptrend चल रहा है तो प्राइस Higher High–higher Low करके ही ऊपर जाता है और अपना Trendlineट को फॉलो करता है जब प्राइस Trendline के पास आता है वहां पर से प्राइस ऊपर जाने का संभावना है रहता है इस समय स्टॉक को खरीद लिया कर सही समय होते हैं। जब Trendline के पास आकर कोई Bullish कैंडल बनता है तो Bullish कैंडल का Low हमारा स्टॉपलॉस रहता है और हमें Trade में एंट्री लेना है।
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Swing Trading फायदे क्या है?
Swing Trading करने से बहुत से फायदे होते हैं लेकिन जो सबसे ज्यादा पॉपुलर है उनके बारे में नीचे चर्चा की गई है-
1. स्विंग ट्रेडिंग में इंट्राडे की तुलना में टेंशन कम लेने होते हैं क्योंकि इसमें हमें पोजीशन लंबे अवधि के होते है मतलब कुछ हफ्ते या महीने के लिए ली जाती है जिसमें नुकसान की संभावनाएं कम होता है।
2. स्विंग ट्रेडिंग में हमें बड़ा मुनाफा होने का संभावना है जाता है क्योंकि इसमें हम एनालिसिस करने के बाद एंट्री लेते हैं।
3. अन्य ट्रेडिंग के तुलना में स्विंग ट्रेडिंग में हमें नुकसान की संभावनाएं कम होता है।
4. सिम ट्रेडिंग करने आपको समय का लाभ होता है क्योंकि इसमें हर समय ट्रेड को नहीं देखना है सिर्फ दिन के एक-दो घंटा देने से ही बहुत है।
5. स्विंग ट्रेडिंग के द्वारा हम प्रॉफिट को ज्यादा से ज्यादा कैच कर सकते हैं, इनपुट ट्रेड में जब हमें प्रॉफिट हो जाएगा तो हम प्रॉफिट को Tralling Stoploss की तरह ट्रेड करेंगे।
6. स्विंग ट्रेडिंग के साथ हम और भी कोई जॉब नौकरी या और कुछ व्यवसाय में इंवॉल्व हो सकते हैं, क्योंकि इसमें हमें दिन भर समय नहीं देना है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए कौन सा मूविंग एवरेज सबसे अच्छा है?
मूविंग एवरेज का मतलब होता है लास्ट कुछ दिनों का प्राइस का एक एवरेज लाइन, मतलब 10 मूविंग एवरेज का मतलब होता है लास्ट 10 दोनों का स्टॉक प्राइस का एवरेज जो एक लाइन के रूप में दिखाया जाता है। स्विंग ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा मूविंग एवरेज होता है 20 Day मूविंग एवरेज या 50 Day मूविंग एवरेज। शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए इन दोनों मूविंग एवरेज बहुत ही कार्य कर होते हैं क्योंकि ज्यादातर समय स्टॉक 20 Ma या 50 Ma को फॉलो करते हैं।
और थोड़े लंबे अवधि मतलब 3 महीने या उससे ज्यादा समय के लिए 100 Ma बहुत कार्यकर होते हैं और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग के लिए 200 Ma बहुत अच्छा होता है। जब कोई स्टॉक Price 200 Ma के पास आकर प्राइस रुक जाता है और सिदेवेज हो जाता है उसके बाद जब Higher High–higher Low फॉर्मेशन शुरू होता है उसे समय आपको ट्रेड में एंट्री लेना है और उसका Swing Low स्टॉप लॉस के तरह काम करेगा।
कौन सा सबसे अच्छा है, ऑप्शन ट्रेडिंग या स्विंग ट्रेडिंग?
दोनों अपने जगह सही है, यदि आप मार्केट में नहीं है और मार्केट की गहरी जानकारी नहीं है तो आपके लिए सबसे अच्छा स्विंग ट्रेडिंग है। जहां पर आपको नुकसान भी काम होगा और आपको प्रॉफिटेबल होने के चांस बढ़ जाएंगे।
और यदि आप मार्केट में लंबे समय से निवेश कर रहे हैं और आपको टेक्निकल एनालिसिस की अच्छा खासा समझ है तब आप ऑप्शन ट्रेडिंग करने के बारे में सोचे। ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत ही ज्यादा रिस्की होता है पहले अच्छे से ऑप्शन ट्रेडिंग सीखे उसके बाद ऑप्शन ट्रेडिंग करें।
ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल होने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस में चार्ट पेटर्न का समझ होना जरूरी है उसके साथ ही कैंडलेस्टिक पेटर्न की भी समझ होना जरूरी है।
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FAQ
Q.1 शेयर मार्केट में सबसे अच्छा ट्रेडिंग कौन सा है?
Ans:– शेयर मार्केट में नए निवेशकों के लिए सबसे अच्छा स्विंग ट्रेडिंग होता है क्योंकि इसमें नुकसान होने की संभावनाएं कम होता है। स्विंग ट्रेडिंग में प्रॉफिट कमाने के लिए थोड़ा बहुत टेक्निकल एनालिसिस होना जरूरी है।
Q.2 स्विंग ट्रेडिंग के लिए कौन सा Stocks सबसे अच्छा है?
Ans:– स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए अगर आप मार्केट में नए हैं तो पहले निफ्टी 50 के स्टॉक से ही चालू करें उसके बाद जब आपको मार्केट में समय हो जाए उसके बाद आप निफ्टी 500 के स्टॉक में ट्रेडिंग कर सकते हैं।
Q.3 स्टॉप लॉस कैसे लगाया जाता है?
Ans:– जब कोई Bullish कैंडल क्रिएट होता है उसके अगले दिन एक Green कैंडल क्रिएट होता है तब हमें ट्रेड में एंट्री लेना है और उस Bullish कैंडल का Low हमारा स्टॉप लॉस की तरह काम करेगा।
Q.4 क्या स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉपलॉस लगाना जरूरी है?
Ans:– हा, आपको स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉप लॉक लगाना जरूरी है। आप किसी भी प्रकार का ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस लगाना जरूरी है नहीं तो आपका बड़ा नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, इसीलिए आप जब भी कोई ट्रेड ले आपको स्टॉपवॉच लगाना जरूरी है।
Q.5 डिलीवरी और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
Ans:– डिलीवरी में हम लोग स्टॉक को लंबे समय के लिए मतलब 6 महीने 1 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए Hold करते हैं और स्विंग ट्रेडिंग में हम स्टॉक को एक हफ्ते एक महीने या 2 महीने के अंदर ही बेच देते हैं।
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Conclusion
अगर आपको स्विंग ट्रेडिंग से पैसा कमाना है तो Swing Trading Strategies in Hindi के जानकारी होना जरूरी है क्योंकि बिना स्ट्रेटजी के कोई भी स्विंग ट्रेडिंग से प्रॉफिट नहीं कमा सकता। स्विंग ट्रेडिंग में कम समय में अच्छा खासा रिटर्न कमाया जाता है उसके लिए सिर्फ आपको मार्केट की थोड़ा बहुत जानकारी और टेक्निकल एनालिसिस आना जरूरी है।
स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको भर दिन टाइम देने की भी जरूरत नहीं है और तनाव भी काम लेना पड़ता है। सिंह ट्रेडिंग अगर हम सूझबूझ कर और एनालिसिस करके ट्रेड देते हैं तो उसमें नुकसान का भी संभावना है काम होता है।
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आज हमने जाना
नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने सीखा Swing Trading Strategies in Hindi, स्विंग ट्रेडिंग क्या होता है, स्विंग ट्रेडिंग कैसे की जाती है, स्विंग ट्रेडिंग के फायदे, Swing Trading के लिए स्टॉक कैसे चुने और भी महत्वपूर्ण प्रश्नों जानकारी देने की कोशिश कि हे।
आशा करता हूं हमारा दिए गए जानकारी से आप बहुत कुछ सीख पाए हैं, हमारा द्वारा दिए गए इस जानकारी को पढ़ने के लिए, और अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
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