Swing Trading Stock Selection in Hindi:- नए निवेशकों को स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले उनको स्विंग ट्रेडिंग की जानकारी होना जरूरी है, अगर आपको Swing Trading से पैसा कमाना है तो Swing Trading को अच्छे से सीखना है और Swing Trading Stock Selection in Hindi उसके बारे में जानकारी होना जरूरी है।(Swing Trading Strategies in Hindi)
नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग में नुकसान होने की संभावना है कम होता है क्योंकि इसमें रिस्क कम होता है। स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको हर समय मार्केट को नहीं देखना होगा दिन की एक-दो घंटा देने से ही बहुत है। स्विंग ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमाने के लिए आपको Swing Trading Stock Selection करना आना चाहिए जो सबसे महत्वपूर्ण है।(Candlestick Chart Pattern in Hindi)
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Swing Trading Stock Selection in Hindi। |
Swing Trading Stock Selection in Hindi
स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग की तुलना में बहुत ही अलग होता है क्योंकि इसमें पोजीशन को हमें उसी दिन बिकवाली नहीं करना पड़ता है इसमें हम पोजीशन को लंबे समय तक होल्ड कर सकते हैं। स्विंग ट्रेडिंग में नए निवेशकों को Loss होने का संभावनाएं ना बराबर होता है, नए निवेशकों स्विंग ट्रेडिंग के माध्यम से आसानी से प्रॉफिट कमा सकते हैं। इसमें प्रॉफिट कमाने के लिए आपको सही समय में स्टॉक में एंट्री और Exit लेना पड़ेगा उससे भी ज्यादा जरूरी है स्टॉक का सिलेक्शन करना जो आज के इस लेख में हम जानेंगे, चलिए जानते हैं Swing Trading Stock Selection कैसे करेंए–
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1. Sector को चुने :–
स्विंग ट्रेडिंग के लिए वैसे सेक्टर में निवेश करें जिस सेक्टर का एक दो महीने में या साल भर में उसका फ्यूचर अच्छा है वैसे सेक्टर को निवेश करने के बारे में सोच। अच्छे सेक्टर में निवेश करेंगे तो हमारा प्रॉफिट ज्यादा से ज्यादा कर सकते हैं। जैसे सरकार जब कोई डिफेंस थीम लांच करता है तो उसे समय डिफेंस स्टॉक में रैली बहुत अच्छा आता है। यहां जब सरकार रेलवे स्टाफ या सेकेंडरी इंडस्ट्री को फंड देता है उसे समय रेलवे और सेमीकंडक्टर से रिलेटेड स्टॉक बहुत अच्छा रिटर्न देता है।
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2. Sector Leader को चुने:–
सेक्टर चुन लेने के बाद आपको उस सेक्टर के टॉप परफॉर्मिंग स्टॉक की सुनना है, स्टॉक में से जो फंडामेंटल भी अच्छा है। उसके बाद जब उस स्टॉक में रिवर्सल बन रहा हो उसे समय आपको Entry लेना है और Bullish कैंडल का Low आपका स्टॉप लॉस के तरह काम करेगा।
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3. Liduidity :–
लिक्विडिटी का मतलब होता है एक दिन में Total कितने Share का खरीद–बिक्री हुआ है, स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको वैसे स्टॉक को चुनना है जिसका Daliy 5 लाख से ज्यादा शेयर का खरीद–बिक्री हो रहा है। जिस शेयर में लिक्विडिटी ज्यादा है उसमें आपको शेयर बेचते समय किसी प्रकार का समस्या नहीं होगा आप कभी भी कितने भी शेयर खरीद सकते हैं या बेच सकते हैं। कम लिक्विडिटी वाले शेयर में आपका स्टॉक को बेचने में समय लग सकता है या नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए स्विंग ट्रेडिंग का सबसे पहले रूल है लिक्विडिटी वाले स्टॉक में आपको ट्रेड करना है।
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4. Volatility ध्यान दें:–
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक में Volatility अर्थात स्थिरता रहना जरूरी है, क्योंकि Volatility रहने से ही हम स्टॉक को नीचे खरीद कर ऊपर बेच सकते हैं। लेकिन अगर किसी स्टॉक में वैलिडिटी ज्यादा हो मतलब एक दिन में ही 10–15% ऊपर जा रहा है या 10–15% नीचे गिर जा रहा है वैसे स्टॉक से हमें बचाना चाहिए और वैसे स्टॉक स्विंग ट्रेडिंग के लिए अच्छे नहीं है। जिस स्टॉक में वैलिडिटी 3–4 परसेंट है वैसे स्टॉक में आपको इंट्री लेना है।
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5. Volume बढ़ रहा है:–
स्विंग ट्रेडिंग के लिए वॉल्यूम एक बहुत महत्वपूर्ण Tool की तरह काम करता है, वॉल्यूम के मदद से हम स्टॉक के Buying Strength या Selling Strength को Identify कर सकते हैं। अगर किसी स्टॉक में High वॉल्यूम के साथ Up Trend चल रहा है तो वह Stronger Up Trend को माना जाता है या Up Trend में हाई वॉल्यूम के साथ Selling Volume दिखाई देता है तो वह Weak Up Trend को दर्शाता है। जब स्टॉक रिक्वेस्टमेंट ले रहा है उसे समय अगर हाई वॉल्यूम के साथ Buy आता है तो उसे समय स्टॉक में एंट्री देने का सही समय होता है।
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6. Trendline के पास जब आए:–
जब कोई स्टॉक Higher High Higher Low बनाते हुए Up Trend चल रहा है तो एक ट्रेंड लाइन क्रिएट होता है। स्टॉक जब Trendline को फॉलो करके Up Trend चल रहा है तो उस स्टॉक को अपने Lower Trendline के पास आने का अपेक्षा करें और जब वह Lower Trendline के पास आ जाता है और Bullish कैंडल क्रिएट होता है तो उसका अगले दिन ग्रीन कैंडल क्लोजिंग होने के बाद हमें Trade में एंट्री लेना है।
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7. Breakout:–
जब कोई स्टॉक अपनी Important Support Zone या Resistance Zone को Breakout करता है तो उस समय स्टॉक को Buy करना सही समय होता है। क्योंकि ब्रेकआउट के बाद बहुत ही जल्द स्टॉक अपना New High को छूता है। ब्रेकआउट के समय हाई वॉल्यूम अगर आता है तो वह बहुत अच्छा सिग्नल होता है Buy करने का।
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8. Chart Pattern को Follow करे:–
जब स्टॉक कोई Bullish चार्ज पैटर्न मतलब Cup and Handle, Double Bottom, Inverted Head and Shoulder, Triangle Pattern, Flag Pattern, Ascending Triangle Pattern उसका कंफर्मेशन हो जाने के बाद आपको ट्रेड में एंट्री लेना है।
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9. Screener का उपयोग करें:–
स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए बहुत से Screener आते हैं जिसका मदद ले सकते हैं आप, स्कैनर में वॉल्यूम को इंडिकेटर को सी मूविंग एवरेज ऐसी कुछ इंडिकेटर का मदद से स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक को Scan किया जाता है। सिंह ट्रेनिंग करने के कुछ Screener का नाम है– Screener.in या Chartink.com।
10. मार्केट के दिशा:–
मार्केट की दिशा के अनुसार जो स्टॉक चल रहा है आपको इस स्टॉक में एंट्री लेने के बारे में सोचना चाहिए क्योंकि मार्केट जैसा परफॉर्म करेगी स्टॉक उसके साथ ही वैसा ही परफॉर्म करेगा। अगर कोई स्टॉक निफ्टी अप ट्रेड में चल रहा है और वह स्टॉक डाउन ट्रेंड में चल रहा है तो वैसे स्टॉक में एंट्री लेने से बचना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग करते समय किन-किन बातों के ऊपर ध्यान देना जरूरी है?
स्विंग ट्रेडिंग करते समय आपको कुछ बातों के ऊपर ध्यान देना जरूरी है इन गलती को दोहराने से आपको मार्केट में मौसम का सामना करना पड़ सकता है। स्विंग ट्रेडिंग करते समय हमें इन गलतियों को कभी भी करना नहीं चाहिए जैसे–
1. स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको सही स्टॉक को चुनना बहुत ही जरूरी है जो आज के इस लखे में हमने चर्चा की है।
2. स्विंग ट्रेडिंग रिस्क मैनेजमेंट के साथ करें। आप जितना पैसा लॉस कर सकते हैं उतने ही रुपए का ट्रेड एक स्टॉक में लेना चाहिए।
3. अपना पूरा पैसा कभी भी एक स्टॉक में नहीं लगना चाहिए।
4. जिस स्टॉक में हाई क्वालिटी रहता है उसमें निवेश करने से बचना चाहिए।
5. स्विंग ट्रेडिंग के लिए लार्ज कैप स्टॉक को छूने स्मॉल कैप के स्टॉक से बचना चाहिए। लार्ज कैप स्टॉक्स में नुकसान होने का संभावना है कम होता है।
6. स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेड लेने के बाद स्टॉप लॉस जरूर लगाए। स्टार प्लस लगाकर ट्रेड करने से आपका नुकसान कम से कम होता है।
7. ट्रेड लेने के बाद अगर आपको ट्रेड में प्रॉफिट होता है तो आपको Tralling स्टॉप लॉस को फॉलो करना चाहिए।
8. स्टॉक को खरीदते समय आप सपोर्ट और रजिस्टेंस का ध्यान रखें जब भी कोई स्टॉक सपोर्ट के पास आता है तब आपको उसे स्टॉक को Buy करने के बारे में सोचना है।
9. इंडिकेटर का उपयोग कैसे करना है वह अच्छे तरीके से सीखे। इंडिकेटर का उपयोग करने से आप स्टॉक में सही समय एंट्री ले सकते हैं।
10. ओवर ट्रेडिंग ना करें नुकसान को रिकवर करने के लिए कभी भी आपको ओवर ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए ओवर ट्रेडिंग करने से आपको और भी ज्यादा नुकसान हो सकता है।
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Swing Trading के लिए वॉल्यूम का उपयोग कैसे करें?
सिम ट्रेडिंग में आपकी वॉल्यूम का एनालिसिस करके स्टॉक में अच्छे समय एंट्री ले सकते हैं और अपना प्रॉफिट को बड़ा कर सकते हैं तो चलिए जानते हैं सिम ट्रेडिंग में वॉल्यूम का उपयोग कैसे करें।
1. Up Trend में High वॉल्यूम के साथ Buy वह Strong Up Trend को दर्शाता है।
2. अगर Up Trend में High वॉल्यूम के साथ Selling आता है तो वह Weak Up Trend को दर्शाता है।
3. Down Trend में High वॉल्यूम के साथ Selling हो रहा है तो वह Strong Down Trend को दर्शाता है।
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4. Down Trend में Low वॉल्यूम के साथ Selling हो रहा है तो वह Weak Down Trend को दर्शाता है।
5. Down Trend में High वॉल्यूम के साथ Buying हो रहा है तो वह Weak Down Trend को दर्शाता है।
6. स्टॉक्स जब Sideways में होता है उस समय अगर High Buying वॉल्यूम आता है इसका मतलब स्टॉक Upward मोमेंटम आ सकता है।
7. स्टॉक्स जब Sideways में होता है उस समय अगर High Selling वॉल्यूम आता है इसका मतलब स्टॉक Downward मोमेंटम आ सकता है।
8. जब भी कोई ब्रेक आउट हाई वॉल्यूम के साथ होता है तो उसे बहुत ही मजबूत ब्रेकआउट माना जाता है।
9. जब भी कोई स्टॉक में नॉर्मल वॉल्यूम से अचानक हाई वॉल्यूम आता है इसका मतलब है उसमें कोई बड़ी पोजीशन क्रिएट हुआ है वह Fii या Dii हो सकता है।
Swing Trading में स्टॉप लॉस लगाना चाहिए?
हां जरूर आपको सोंग ट्रेंडिंग में स्टॉपलॉस लगाना चाहिए, क्योंकि स्टॉप लॉस के साथ अगर आप ट्रेड करते हैं तो आपको कम नुकसान सामना करना पड़ सकता है। ज्यादा तार नए निवेशक स्टॉप लॉस क्या होते हैं उनके बारे में जानकारी नहीं होती हैं जिसका नाम उनका पहले पहले एक ही स्टॉक में बड़ा-बड़ा नुकसान होता है। मार्केट में जितने भी सफल ट्रेड है वह सभी लोग ट्रेड लेते समय स्टॉप लॉस को जरूर देखते हैं और ट्रेड लेने के बाद वह लोग स्टॉप लॉस लगते हैं।
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स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉपलॉस लगा देने के बाद आपको जब पेट में प्रॉफिट होने लगता है तो आपको Tralling स्टॉप लॉस करते रहना है। Tralling स्टॉप लॉस का मतलब होता है आप किस स्टॉक को ₹100 में खरीदने हैं और ₹95 स्टॉप लॉस लगते हैं, जब स्टॉक का प्राइस 105 रुपए हो जाता है तो आपको अपना स्टॉप लॉस को ₹100 में कर देना है जब स्टॉक का प्राइस ₹110 हो जाता है तो आपका स्टॉपलॉस 105 रुपए कर देना है, स्टॉक का कीमत जैसे-जैसे बढ़ाते रहेगा वैसे ऐसे हम स्टॉप लॉस को भी बढ़ते रहेंगे। Tralling स्टॉप लॉस को फॉलो करने से हमारा प्रॉफिट ज्यादा से ज्यादा हम बुक कर सकते हैं।
स्टॉप लॉस को हर समय किसी सपोर्ट Area पर लगाना चाहिए या आप जब किसी Bullish कैंडल को देखकर एंट्री लेते हैं तो आपको उस Bullish कैंडल कर Low स्टॉप लॉस लगाना चाहिए।
FAQ
Q.1 क्या स्विंग ट्रेडिंग शुरुआती लोगों या नए निवेशकों के लिए अच्छी है?
Ans:– हां जरूर स्विंग ट्रेडिंग शुरुआती लोगों या नए निवेशकों के लिए एकदम कामदार साबित करेगा, क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग में नए निवेशक हो तो नुकसान होने के संभावना है बहुत कम होता है। सिंह ट्रेडिंग में हमें पोजीशन को कुछ दिन के लिए हॉल करते हैं जिस कारण हमारा नुकसान होने की संभावना है कम होता है।
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Q.2 क्या 1 घंटा का चार्ट स्विंग ट्रेडिंग के लिए अच्छा है?
Ans:– स्विंग ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा टाइम फ्रेम है 1 Day का, 1 घंटे का टाइम फ्रेम वह बहुत ही छोटा टाइम फ्रेम हो जाता है इसमें आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए ट्रेड ढूंढना और एंट्री लेना समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
Q.3 क्या स्विंग ट्रेडिंग में लीबरेज है?
Ans:– नहीं स्विंग ट्रेडिंग में आपको लीबरेज नहीं मिलेगा, आपके पास जितना Cash रुपए हैं आप उतना ही स्टॉक को खरीद सकते हैं और होल्ड कर सकते हैं जब आपका मन हो बेचने का या प्रॉफिट बुक करने का तब आप प्रॉफिट को बुक कर सकते हैं।
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Q.4 क्या स्विंग ट्रेडिंग पर कोई टैक्स लगता है?
Ans:– हां सिंह ट्रेडिंग में अगर आपको₹100000 से ज्यादा प्रॉफिट होता है और वह 1 साल के अंदर हुआ है तो आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्स मतलब 20% देना पड़ेगा और अगर 1 साल से ज्यादा समय में प्रॉफिट हुआ है तो आपका लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन टैक्स 12.5% का देना पड़ेगा।
Q.5 क्या डिलीवरी ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग एक ही है?
Ans:– डिलीवरी ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग कुछ तरीके से एक ही होते हैं लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में हम स्टॉक को लंबे समय के लिए हॉल करते हैं और स्विंग ट्रेडिंग में हम स्टॉक को एक हफ्ता एक–दो महीना तक हॉल करते हैं उसके बाद स्टॉक को बेच देते हैं।
निष्कर्ष
स्विंग ट्रेडिंग में पैसे कमाने के लिए सबसे पहले आपको Swing Trading Stock Selection in Hindi आना जरूरी है, स्विंग ट्रेडिंग के मदद से नए निवेशक आसानी से मार्केट से प्रॉफिट कमा सकते हैं और इसमें नुकसान होने की संभावनाएं भी काम रहता है। स्विंग ट्रेडिंग में प्रॉफिट करने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस कि थोड़ा बहुत समझ होना जरूरी है, जैसे ट्रेन लाइन क्या होता है, सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस क्या होता है, कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न आदि की समझ होना जरूरी है।
आज हमने जाना
- नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने सीखा Swing Trading Stock Selection in Hindi, स्विंग ट्रेडिंग स्टॉक सॉल्यूशन इन हिंदी, स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर कैसे चुने, स्विंग ट्रेडिंग करते समय किन-किन बातों के ऊपर ध्यान देना जरूरी है, स्विंग ट्रेडिंग में वॉल्यूम का उपयोग कैसे करें और भी महत्वपूर्ण प्रश्नों जानकारी देने की कोशिश कि हे।
- आशा करता हूं हमारा दिए गए जानकारी से आप बहुत कुछ सीख पाए हैं, हमारा द्वारा दिए गए इस जानकारी को पढ़ने के लिए, और अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
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